खर्राटे बन सकते है आपकी मौत का कारण!
खर्राटा आना एक आम समस्या है। सोते समय स्वास के साथ तेज आवाज़ और वाइब्रेशन आना खर्राटा कहलाता है l इसमें काग (युविला) पीछे गिर जाता है जिससे स्वास नली ब्लॉक हो जाती है। इससे स्वास लेने में परेशानी होती है एवं मुंह से स्वास लेने पर आवाज़ आती है। अगर खर्राटे का सही समय पर इलाज ना कराया गया तो यह स्लीप एपनिए का कारण बन जाता है।
स्लीप एपनिया क्या है
यदि खर्राटों का सही समय पर इलाज ना कराया गया तो स्लीप एपनिया नामक बीमारी बन सकती है। सोते समय कुछ समय के लिए स्वास का रुक जाना स्लीप एपनिया कहलाता है। सांस रुकने के बाद डरावनी तीखी आवाज के साथ स्वास आती है।यदि समय पर इस बीमारी की और ध्यान ना दिया जाए तो स्वास रुकने का समय बढ़ने लगता है और धीरे-धीरे यह खतरनाक स्टेज पर पहुंच जाता है इससे कई बार सोते हुए मौत भी हो जाती है।
क्यों होता है ऐसा
खर्राटे और एपनिया होने का प्रमुख कारण मोटापा है। डॉक्टरों का मानना है कि पुरुष की गर्दन का माप 17 इंच और महिलाओं की 16 इंच से अधिक नहीं होना चाहिए इससे अधिक होने पर एपनिया का खतरा बढ़ जाता है एपनिया पुरुषों में महिलाओं से दोगुना ज्यादा होती है।
स्लीप एपनिया का इलाज
आपका वजन अधिक है अब तो कम करने का प्रयास करें रात्रि में हल्का भोजन करे। पीठ के बल सोने की वजाय करवट लेकर सोने की आदत डालें । सोते समय सिर को थोड़ा ऊंचा रखें प्रतिदिन प्रातः कम से कम पांच 5 मिनट कपालभाति और 15 मिनट अनुलोम-विलोम और पांच-पांच मिनट उज्जैन और भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास करें प्रतिदिन प्रातः स्नान के बाद और रात्रि सोने से पूर्व नाक में सरसों का तेल की 2-3 बूंदें डालें।
आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में एंटी स्नोरिंग डिवाइस एवं विशेष मस्क के प्रयोग से स्लीप एपनिया की रोकथाम की जाती है।
Thank you for visiting us!
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यदि खर्राटों का सही समय पर इलाज ना कराया गया तो स्लीप एपनिया नामक बीमारी बन सकती है। सोते समय कुछ समय के लिए स्वास का रुक जाना स्लीप एपनिया कहलाता है। सांस रुकने के बाद डरावनी तीखी आवाज के साथ स्वास आती है।यदि समय पर इस बीमारी की और ध्यान ना दिया जाए तो स्वास रुकने का समय बढ़ने लगता है और धीरे-धीरे यह खतरनाक स्टेज पर पहुंच जाता है इससे कई बार सोते हुए मौत भी हो जाती है।
क्यों होता है ऐसा
खर्राटे और एपनिया होने का प्रमुख कारण मोटापा है। डॉक्टरों का मानना है कि पुरुष की गर्दन का माप 17 इंच और महिलाओं की 16 इंच से अधिक नहीं होना चाहिए इससे अधिक होने पर एपनिया का खतरा बढ़ जाता है एपनिया पुरुषों में महिलाओं से दोगुना ज्यादा होती है।
स्लीप एपनिया का इलाज
आपका वजन अधिक है अब तो कम करने का प्रयास करें रात्रि में हल्का भोजन करे। पीठ के बल सोने की वजाय करवट लेकर सोने की आदत डालें । सोते समय सिर को थोड़ा ऊंचा रखें प्रतिदिन प्रातः कम से कम पांच 5 मिनट कपालभाति और 15 मिनट अनुलोम-विलोम और पांच-पांच मिनट उज्जैन और भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास करें प्रतिदिन प्रातः स्नान के बाद और रात्रि सोने से पूर्व नाक में सरसों का तेल की 2-3 बूंदें डालें।
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