जाने क्या है लहसुन के फायदे !
लहसुन की आयुर्वेद में बहुत महिमा गाई गई है आइए जानते है क्या है इसके फायदे :-
1--आयुर्वेद के अनुसार लहसुन पाचक, सारक, मेधाजनक, बलकारक, चरपरा, हृदय के लिए अच्छा, जीर्ण ज्वर, खांसी, बवासीर, अरुचि , सूजन, क्रमी, स्वास रोगों और वात को नाश करने वाला है।
2--यह ब्लड प्रेशर में बहुत ही उपयोगी है। वायु, गठिया, अकड़न के रोग में इसके प्रयोग से सफलता प्राप्त होती है। लहसुन में एक प्रकार का तेल होता है, जो आमाशय में एक फिनायल का काम करता है। परंतु रक्त पित्त वालों को इसका उपयोग नहीं करना चाहिए।
3--यह ठंड में अधिक उपयोगी होता है। क्षय रोग में लहसुन अत्यधिक लाभ करता है तथा नेत्र ज्योति भी बढ़ाता है। ब्लड प्रेशर , हृदय रोग में तो यह रामबाण का काम करता है।
4--लहसुन का प्रयोग 12 कली से प्रारंभ कर क्रमश: बढ़ाते हुए 15 दिनों में 15 कली तक पहुंचाना चाहिए और इसे घटाते-घटाते 15 दिन में एक पर आना चाहिए। इसे लहसुन कल्प कहते हैं।
5-- लहसुन और आंवले का सूखा चूर्ण समभाग सफेद शीशी में 3 भाग भरकर उस पर शहद डालकर 7 से 15 दिन धूप में रखने के बाद रोज 1 से 2 चम्मच खाने से हृदय रोग के लिए उपयोगी होता है।
6--लहसुन खाने के बाद अजवाइन खाने से उसकी गंध मालूम नहीं होती।
7--अपने सामान्य जीवन में आमला, लहसुन तथा धनिया, पुदीना की चटनी नियमित खानी चाहिए। यह सभी के लिए उपयोगी है। लहसुन में एलिसिन नाम का तेल होता है। जो ओषजन क्रिया को उत्पन्न कर सफुर्ती, उत्साह, शक्ति, एवं उमंग प्रदान करता है।
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1--आयुर्वेद के अनुसार लहसुन पाचक, सारक, मेधाजनक, बलकारक, चरपरा, हृदय के लिए अच्छा, जीर्ण ज्वर, खांसी, बवासीर, अरुचि , सूजन, क्रमी, स्वास रोगों और वात को नाश करने वाला है।
2--यह ब्लड प्रेशर में बहुत ही उपयोगी है। वायु, गठिया, अकड़न के रोग में इसके प्रयोग से सफलता प्राप्त होती है। लहसुन में एक प्रकार का तेल होता है, जो आमाशय में एक फिनायल का काम करता है। परंतु रक्त पित्त वालों को इसका उपयोग नहीं करना चाहिए।
3--यह ठंड में अधिक उपयोगी होता है। क्षय रोग में लहसुन अत्यधिक लाभ करता है तथा नेत्र ज्योति भी बढ़ाता है। ब्लड प्रेशर , हृदय रोग में तो यह रामबाण का काम करता है।
4--लहसुन का प्रयोग 12 कली से प्रारंभ कर क्रमश: बढ़ाते हुए 15 दिनों में 15 कली तक पहुंचाना चाहिए और इसे घटाते-घटाते 15 दिन में एक पर आना चाहिए। इसे लहसुन कल्प कहते हैं।
5-- लहसुन और आंवले का सूखा चूर्ण समभाग सफेद शीशी में 3 भाग भरकर उस पर शहद डालकर 7 से 15 दिन धूप में रखने के बाद रोज 1 से 2 चम्मच खाने से हृदय रोग के लिए उपयोगी होता है।
6--लहसुन खाने के बाद अजवाइन खाने से उसकी गंध मालूम नहीं होती।
7--अपने सामान्य जीवन में आमला, लहसुन तथा धनिया, पुदीना की चटनी नियमित खानी चाहिए। यह सभी के लिए उपयोगी है। लहसुन में एलिसिन नाम का तेल होता है। जो ओषजन क्रिया को उत्पन्न कर सफुर्ती, उत्साह, शक्ति, एवं उमंग प्रदान करता है।
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