हेल्लो दोस्तो आज मै आपके लिए लेकर आया हूं एक शानदार और प्रभावकारी चढ़ी हुई नस को उतारने का तरीका जिसकी सहायता से आप अपने शरीर की कोई भी चढ़ी हुई नस को बस 10 सेकंड में उतार पाएंगे। नस चढ़ना एक बहुत साधारण सी प्रक्रिया है, लेकिन जब भी शरीर में कहीं भी नस चढ़ जाए, जान ही निकाल देती है और अगर रात को सोते समय पैर की नस चढ़ जाए तो व्यक्ति चकरघिन्नी की तरह घूम कर उठ बैठता है, सूजन और दर्द अलग होता है। साल भर पहले, एक दिन, कहीं बैठे बैठे, मेरे भी बायें पैर की नस चढ़ गयी, संयोगवश मेरे सामने एक बुज़ुर्ग एवं अनुभवी व्यक्ति बैठे थे, उन्होने तुरंत मेरे दायें हाथ की उंगली मेरे दाहिने कान के नीचे की तरफ रखी और कहा कि अब आप हल्का सा दबाए हुए उंगली को उपर और नीचे गति दें और ये प्रक्रिया करीब 10 सेकेंड तक करते रहें। मैं आश्चर्य चकित था कि मेरा पैर अब बिल्कुल ठीक था | मैने उन बुज़ुर्गवार का दिल से धन्यवाद दिया और उसके बाद आज तक एक साल में मैने इस चमत्कारी तरीके से ना जाने कितने लोगों को लाभान्वित किया है। आप भी ज़रूरत पड़ने पर एक बार आज़मा के ज़रूर देखें | इसमें...
हर्निया रोग क्या है? शरीर के किसी भी सामान्य या असामान्य छेद से अंगों के बाहर निकलने को हर्निया कहते हैं। सामान्यत: हर्निया का मतलब उदर हर्निया यानी पेट के हर्निया से होता है जिसमें पेट की दीवार में छेद होने की वजह से आंतें पेट से निकलकर आ जाती हैं । हर्निया के कई प्रकार होते हैं जिनमें इंग्वाईनल हर्निया, इन्सीजनल हर्निया, अम्बलिकल हर्निया, एपीगेस्ट्रिक हर्निया, हायटस हर्निया और डाईफ्रेगमेटिक हर्निया प्रमुख हैं। इसके क्या लक्षण हैं? हर्निया पेट की दीवार की कमजोरी के कारण होता है। इसमें पेट पर (वेंट्रल) या पेट के निचले हिस्से (ग्रोइन) पर एक गांठ दिखती है जो लेटने या दबाने पर खत्म हो जाती है व खांसने या खड़े होने पर दोबारा दिखने लगती है। इससे क्या परेशानियां हो सकती है? हर्निया में मरीज को हल्का दर्द महसूस हो सकता है। वक्त के साथ हर्निया की गांठ बढ़ती जाती है। कई बार हर्निया की गांठ में आंतें अटक जाती हैं और लेटने या दबाने पर खत्म नहीं होती। आंतों में रुकावट हो सकती है जिससे आंतें सड़ भी सकती हैं, इससे मरीज की जान को खतरा भी हो सकता है। ...
जैसा की हम सब जानते है की हमारे शरीर में रक्त (खून) कितना आवश्यक है। तो आज हम रक्त के एक महत्वपर्ण हिस्से के बारे में बात करेंगे जिसको प्लेटलेट्स कहते है। शरीर में खून (ब्लड) 4 चीजों से मिलकर बना होता है। उसमे (RBC) यानी रेड ब्लड सेल, (WBC) यानी व्हाइट ब्लड सेल, प्लेटलेट्स (Platelets) और प्लास्मा (Plasma). तो आज हम प्लेटलेट्स के बारे में बात करेंगे। शरीर में अगर प्लेटलेट्स काउंट 150000-400000 के बीच में है तो यह नॉर्मल कहा जायेगा है। लेकिन इससे कम होने पर प्लेटलेट्स काउंट घटता है। तो आइए जानते है प्लेटलेट्स काउंट पर सटीक जानकारी हमारे इस मुख्य ब्लॉग में। प्लेटलेट्स काउंट क्यों होता है कम ? प्लेटलेट्स काउंट कम होने को थ्रांबोसाइटोपेनिया कहते है। प्लेटलेट्स के कम होने का मतलब यह है कि या तो शरीर में ये कम बन रही हैं या फिर ठीक मात्रा में बनने के बावजूद शायद किसी कारण से नष्ट होती जा रही हैं. सामान्य तौर पर तो ये डेंगू, aplastic anaemia, leukaemia या ऐसे ही किसी इन्फेक्शन से प्लेटलेट्स नष्ट होती हैं, लेकिन कभी-कभी यह अपने आप में एक बुनियादी बीमारी भी हो सकती...
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