मधुमेह क्या है और क्या है इसके कारण, एवं उपचार।
जाने क्या है मधुमेह, क्या है इसके लक्षण, कारण और उपचार:-
मधुमेह एक ऐसा रोग है जो श्रमहीन, आलसी, थुलथूले, तनावग्रस्त लोगों में अधिक पाया जाता है। जो कार्य से जी चुराते हैं बे रोक-टोक खाते हैं, वहीं इसकी चपेट में आते हैं। भारत में 5% रोगी मधुमेह के हैं अर्थात हम कह सकते हैं कि हर 20 वां व्यक्ति इसकी चपेट में है। इसलिए W.H.O. ने भारत को Capital of Diabetes घोषित किया है। डायबिटीज या मधुमेह दो प्रकार की होती है।
1= Non Insulin Dependent Diabetes Mellitus यह अधिकतर प्रौढ़ावस्था में होती है और भोजन सुधार से ही ठीक हो जाती है।
2= Insulin Dependent Diabetes Mellitus यह Beta Cells कि inactivity के कारण होता है। हम जो भोजन करते हैं उसमें कार्बोहाइड्रेट, फैट, प्रोटीन होता है और जब इसका पाचन होता है तब कार्बोहाइड्रेट 100%, प्रोटीन 55%, फैट 10% ग्लूकोज में परिवर्तित होता है। इस ग्लूकोस का 15% ब्लड में तथा शेष 85% कोशिकाओं में जमा हो जाता है। मधुमेह की जांच कराने पर खाली पेट 70-90mg/100cc तथा भोजन के बाद 100-120mg/100cc से अधिक शुगर की जांच रक्त में पाई जाती है।
मधुमेह के लक्षण:-
मधुमेह के रोगी की त्वचा सूखी तथा सख्त हो जाती है, जीभ खुरदरी हो जाती है। चेहरे व ठुड्डी लाल, तलवे और हथेली पीछे की ओर, पेशाब का बार बार आना तथा पेशाब पर चीटियों का आना जैसे लक्षण पाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त भूख प्यास की अधिकता और शरीर में जख्म का जल्दी ना भरना जैसे भी लक्षण होते हैं।
मधुमेह के कारण:-
मधुमेह, मोटापा, आलस, कब्ज, अनिद्रा तथा अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट लेने के कारण हो जाता है। इसके अतिरिक्त चीनी, चाय, कॉफी, मैदा और मिठाइयां एवं तला-भुना भोजन अधिक मात्रा में लेने से भी मधुमेह रोग घर कर जाता है। हमारे शरीर में Pancrease जो कि एक एंडोक्राइन ग्लैंड होती है, उसमें तीन प्रकार की सेल्स पाई जाती हैं। Alfa cells, Beta Cells & Gamma cells. Alfa cells जो कि 20%, Beta Cells 75% & Gamma cells 05% पाई जाती हैं।
और Beta Cells जो कि 75% होती है, इसमें से Insulin हार्मोन बनता है जो रक्त में ग्लूकोज को ग्लाइकोजन में बदल देता है। और जब भी Beta Cells से Insulin का उत्पादन कम होता है, या बंद हो जाता है तब हम मधुमेह का शिकार हो जाते हैं।
मधुमेह के प्राकृतिक उपचार:-
1-गुनगुने पानी का एनिमा सप्ताह में एक बार।
2-ठंडा कटि स्नान सप्ताह में दो बार।
3-रोटी आलू चावल का कम प्रयोग करें अथवा हरी सब्जी सलाद, करेले का जूस आदि का प्रयोग करें।
4-अंकुरित अन्न, फल सब्जियां, जामुन की गुठली का चूर्ण एक गिलास छाछ के साथ।
5-एक करेला, एक खीरा, दो टमाटर का रस या अंकुरित दालें और नींबू रस, मेथी पानी बहुत लाभकारी होता है।
6-आसन- प्राणायाम जैसे जानुशिरासन , अर्ध मत्स्येंद्रासन, पश्चिमोत्तानासन, योग मुद्रा, उत्तानपादासन, पवनमुक्तासन, उदर शक्ति विकासक, नौकासन, हलासन, मंडूकासन, मयूरासन, सूर्यभेदी प्राणायाम, कपालभाती प्राणायाम, भस्त्रिका प्राणायाम, मूलबंध।
7-आयुर्वेद में Gymnema sylvestre एवं Pterocarpus दोनों ड्रग्स को एंटीडायबीटिक ड्रग्स के अंतर्गत रखा गया है। अथवा यह दोनों ड्रग्स मधुमेह को ठीक करने के लिए अत्यधिक लाभकारी हैं। यदि बात हम करें एलोपैथी की तो टेबलेट मेटफार्मिन 8-Metformin मधुमेह को कंट्रोल रखने में मदद करती है।
मधुमेह एक ऐसा रोग है जो श्रमहीन, आलसी, थुलथूले, तनावग्रस्त लोगों में अधिक पाया जाता है। जो कार्य से जी चुराते हैं बे रोक-टोक खाते हैं, वहीं इसकी चपेट में आते हैं। भारत में 5% रोगी मधुमेह के हैं अर्थात हम कह सकते हैं कि हर 20 वां व्यक्ति इसकी चपेट में है। इसलिए W.H.O. ने भारत को Capital of Diabetes घोषित किया है। डायबिटीज या मधुमेह दो प्रकार की होती है।
1= Non Insulin Dependent Diabetes Mellitus यह अधिकतर प्रौढ़ावस्था में होती है और भोजन सुधार से ही ठीक हो जाती है।
2= Insulin Dependent Diabetes Mellitus यह Beta Cells कि inactivity के कारण होता है। हम जो भोजन करते हैं उसमें कार्बोहाइड्रेट, फैट, प्रोटीन होता है और जब इसका पाचन होता है तब कार्बोहाइड्रेट 100%, प्रोटीन 55%, फैट 10% ग्लूकोज में परिवर्तित होता है। इस ग्लूकोस का 15% ब्लड में तथा शेष 85% कोशिकाओं में जमा हो जाता है। मधुमेह की जांच कराने पर खाली पेट 70-90mg/100cc तथा भोजन के बाद 100-120mg/100cc से अधिक शुगर की जांच रक्त में पाई जाती है।
मधुमेह के लक्षण:-
मधुमेह के रोगी की त्वचा सूखी तथा सख्त हो जाती है, जीभ खुरदरी हो जाती है। चेहरे व ठुड्डी लाल, तलवे और हथेली पीछे की ओर, पेशाब का बार बार आना तथा पेशाब पर चीटियों का आना जैसे लक्षण पाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त भूख प्यास की अधिकता और शरीर में जख्म का जल्दी ना भरना जैसे भी लक्षण होते हैं।
मधुमेह के कारण:-
मधुमेह, मोटापा, आलस, कब्ज, अनिद्रा तथा अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट लेने के कारण हो जाता है। इसके अतिरिक्त चीनी, चाय, कॉफी, मैदा और मिठाइयां एवं तला-भुना भोजन अधिक मात्रा में लेने से भी मधुमेह रोग घर कर जाता है। हमारे शरीर में Pancrease जो कि एक एंडोक्राइन ग्लैंड होती है, उसमें तीन प्रकार की सेल्स पाई जाती हैं। Alfa cells, Beta Cells & Gamma cells. Alfa cells जो कि 20%, Beta Cells 75% & Gamma cells 05% पाई जाती हैं।
और Beta Cells जो कि 75% होती है, इसमें से Insulin हार्मोन बनता है जो रक्त में ग्लूकोज को ग्लाइकोजन में बदल देता है। और जब भी Beta Cells से Insulin का उत्पादन कम होता है, या बंद हो जाता है तब हम मधुमेह का शिकार हो जाते हैं।
मधुमेह के प्राकृतिक उपचार:-
1-गुनगुने पानी का एनिमा सप्ताह में एक बार।
2-ठंडा कटि स्नान सप्ताह में दो बार।
3-रोटी आलू चावल का कम प्रयोग करें अथवा हरी सब्जी सलाद, करेले का जूस आदि का प्रयोग करें।
4-अंकुरित अन्न, फल सब्जियां, जामुन की गुठली का चूर्ण एक गिलास छाछ के साथ।
5-एक करेला, एक खीरा, दो टमाटर का रस या अंकुरित दालें और नींबू रस, मेथी पानी बहुत लाभकारी होता है।
6-आसन- प्राणायाम जैसे जानुशिरासन , अर्ध मत्स्येंद्रासन, पश्चिमोत्तानासन, योग मुद्रा, उत्तानपादासन, पवनमुक्तासन, उदर शक्ति विकासक, नौकासन, हलासन, मंडूकासन, मयूरासन, सूर्यभेदी प्राणायाम, कपालभाती प्राणायाम, भस्त्रिका प्राणायाम, मूलबंध।
7-आयुर्वेद में Gymnema sylvestre एवं Pterocarpus दोनों ड्रग्स को एंटीडायबीटिक ड्रग्स के अंतर्गत रखा गया है। अथवा यह दोनों ड्रग्स मधुमेह को ठीक करने के लिए अत्यधिक लाभकारी हैं। यदि बात हम करें एलोपैथी की तो टेबलेट मेटफार्मिन 8-Metformin मधुमेह को कंट्रोल रखने में मदद करती है।
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