आमाशय का घाव (Stomach or Peptic Ulcer)



आमाशय का घाव:-

कभी अम्लपित्त, उद्योगपतियों, राजनीतिज्ञो, कार्यभार से दबे व्यक्तियों का रोग माना जाता था। पर आजकल या साधारण व्यक्ति को भी हो जाता है। यह बढ़ते औद्योगीकरण का स्वाभाविक परिणाम है। आमाशय का घाव अथवा (Peptic Ulcer) आमाशय में ज्यादा एसिड बनने  के कारण आमाशय में घाव हो जाता है, उसी को आमाशय का घाव या (Peptic Ulcer) कहते हैं।

 लक्षण:-
1-काभी कभी सिर चकराने लगता है, खट्टी खट्टी डकारें आती हैं।
2-भोजन से अरुचि हो जाती है, पित्त की वृद्धि जल्दी-जल्दी होने लगती है।
3- पेट खाली होने से वायु भर जाती है। अनिद्रा, चिड़चिड़ापन, मानसिक व शारीरिक दुर्बलता पैदा हो जाती है।
4- कब्ज रहने लगती है।

 कारण:-
1-चाय, काफी, सिगरेट और शराब का उपयोग तथा अम्ल का प्रयोग अधिक होने से आमाशय का घाव होता है।
2- भोजन कटु, अम्ल, रूखा और जलन पैदा करने वाला होने से।
3- ईर्ष्या, क्रोध, लोभ, भय आदि तीव्र मनोरोगों से आक्रांत रहना।

 चिकित्सा:- 
1-सर्वप्रथम रोगी का आहार संतुलित करना चाहिए। भोजन सदा व सात्विक होना चाहिए।
2- रोगी यदि दिन में तीन बार भोजन करें तो प्रातः दूध व मीठे फल जैसे- केला, आम, खरबूजा, खजूर आदि लेना चाहिए। दोपहर व शाम को चोकर समेत आटे की रोटी, हरी सब्जी व मक्खन का प्रयोग करना चाहिए, आरंभ में पत्तेदार सब्जी का उपयोग नहीं करना चाहिए।
3- बड़े पित्त की शांति के लिए दिन में 2-5 लीटर पानी पीना चाहिए। कब्ज दूर करने के लिए एनिमा लेना चाहिए।
4- नाड़ियों की उत्तेजना कम करने के लिए मालिश उपयोगी रहती है। शवासन भी उत्तेजना दूर करने में सहायक है।
5- मन को निश्चिन्त रखना और प्रसन्न रहना हर रोगी के लिए बहुत आवश्यक है।
6- Stomach Ulcer (आमाशय का घाव) यह एसिडिटी होने के कारण उत्पन्न होता है इसको ठीक करने के लिए मरीज को एंटी आंटएसिड ड्रग्स का उपयोग करना चाहिए जैसे Famotidine, Ranitidine फॉर्मूला की दवाएं Peptic Ulcer (आमाशय का घाव) को ठीक करने में उपयोगी होती है।
 

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