डेंगू बुखार के लक्षण व उपचार/ वायरल फीवर
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डेंगू बुखार के लक्षण व उपचार |
नमस्कार दोस्तों ! स्वागत है आपका इस नए ब्लॉग में दोस्तो जैसा कि हम सब जानते है, की डेंगू एक जानलेवा बीमारी के तौर पर अपने पांव जमा चुका है, हर साल बरसात के मौसम में डेंगू के मामले सामने आते है और सही इलाज न होने पर मरीज की जान तक चली जाती है। तो इससे बचने के लिए आज हम आपको कुछ ऐसी जानकारी देंगे जिससे आप इस बीमारी से हमेशा बचे रहेंगे।
डेंगू बुखार क्या है ?
डेंगू, बुखार एक संक्रमण है जो डेंगू वायरस के कारण होता है। यह बुखार मच्छरों (एडिज मच्छर) से पैदा होता है, डेंगू बुखार को हड्डी तोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि इससे पीड़ित रोगी को इतना अधिक दर्द होता सकता है कि जैसे उसकी हड्डी ही टूट गई हो। और अभी तक डेंगू बुखार से बचने के लिए कोई वैक्सीन भी उपलब्ध नहीं हैं।![]() |
एडिज मच्छर (डेंगू पैदा करने वाला मच्छर) |
कैसे होता है डेंगू बुखार ?
मच्छर के शरीर में डेंगू वायरस का विकास होता है, और जब यह मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तब डेंगू वायरस व्यक्ति में शरीर में प्रवेश कर डेंगू बुखार को जन्म देता है।
डेंगू बुखार मादा एडीज मच्छर के काटने से होता है इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं। और ये मच्छर सुबह के समय ज्यादा काटते हैं, लेकिन अगर रात में रोशनी जल रही हो तब भी ये मच्छर काट सकते हैं। ये मच्छर बरसात के मौसम में (जुलाई से अक्टूबर) ज्यादा पाए जाते है क्योंकि यही समय उनके पनपने का अनकूल समय होता है। ये मच्छर ज्यादातर घुटने के नीचे ही काटते हैं क्योंकि ये मच्छर ज्यादा उचाई तक उड़ नहीं सकते।
डेंगू बुखार मादा एडीज मच्छर के काटने से होता है इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं। और ये मच्छर सुबह के समय ज्यादा काटते हैं, लेकिन अगर रात में रोशनी जल रही हो तब भी ये मच्छर काट सकते हैं। ये मच्छर बरसात के मौसम में (जुलाई से अक्टूबर) ज्यादा पाए जाते है क्योंकि यही समय उनके पनपने का अनकूल समय होता है। ये मच्छर ज्यादातर घुटने के नीचे ही काटते हैं क्योंकि ये मच्छर ज्यादा उचाई तक उड़ नहीं सकते।
कहां पनपते हैं ये मच्छर ?
डेंगू बुखार पैदा करने वाला मच्छर (एडीज मच्छर) ज्यादातर साफ सुथरे पानी, साफ सुथरे स्थान में, रुके हुए पानी में, कूलर की टंकियों में रुका पानी, पौधों के गमले में रुका पानी, पुराने बेकार बर्तनों में और टायरों में रुके पानी में ही पनपते और अंडे देते हैं। और इन मादा एडिज मच्छर में डेंगू वायरस का विकास होता है।
डेंगू बुखार के लक्षण
मादा एडीज मच्छर के काटने के 7 दिनों के भीतर ही इसके लक्ष्ण आने लगते हैं। परन्तु हम इसे साधारण बुखार समझते है और इसे अनदेखा कर देते है, जिससे इलाज में देरी हो जाती है और कभी कभी सही समय पर इलाज ना हो पाने के कारण मरीज कि जान तक चली जाती है।
इसके मुख्य लक्षण -
तेज बुखार डेंगू का सबसे प्रमुख लक्षण तेज बुखार है डेंगू होने पर 102 से 103 डिग्री फॉरेनहाइट तक बुखार आना आम बात है।
बदन टूटना डेंगू में ज्यादातर मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द बना रहता है।
प्लेटलेट्स काउंट घटना डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स काउंट 150,000 से घट जाता है।
चक्कते पड़ना डेंगू होने पर शरीर में छोटे-छोटे लाल रंग के चक्कते पड़ जाते हैं।
चक्कते पड़ना डेंगू होने पर शरीर में छोटे-छोटे लाल रंग के चक्कते पड़ जाते हैं।
आंख के पीछे दर्द होना डेंगू से पीड़ित मरीजों को आंखों के पीछे दर्द होने की भी शिकायत होती है।
जी मिचलाना (nausea) जी मिचलाना भी डेंगू का एक महत्वपूर्ण लक्षण है इससे मरीज को घबराहट सी होती रहती है।
थकान डेंगू के मरीजों का पूरा शरीर दर्द अथवा थकान भी महसूस होती रहती है।
सिर दर्द डेंगू मरीजों को हर वक्त हल्के सिर दर्द की भी समस्या बनी रहती है।
भूख में कमी डेंगू बुखार में मरीज की भूख प्यास गायब हो जाती है।
नोट:- डेंगू बुखार की पूर्ण रूप से पुष्टि केवल ब्लड चेकअप से ही की जा सकती है इसके लिए Molecular Test (PCR Test) और (CBC) कंप्लीट ब्लड काउंट टेस्ट किये जाता है।
डेंगू बुखार के उपचार
रोकथाम :-
डेंगू बुखार से बचने के लिए अभी तक कोई वैक्सीन बाजार में उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए हम सभी को इसके प्रति जागरूक बनना होगा यानी हमें बीमारी को पनपने ही नहीं देना है और इसके लिए हम सभी को कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे जैसे :-
> पानी के पात्रों को खाली या ढक कर रखना चाहिए जिससे एडिज या कोई और मच्छर अंडे ना दे सकें।
> ज्यादा मच्छर वाली जगह से हमेशा दूर रहना चाहिए क्योंकि ये डेंगू सहित अन्य वायरल बीमारी जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जीका वायरस, यालो फीवर आदि का खतरा बढ़ जाता है।
> मच्छर दनी का प्रयोग करना चाहिए।
> कीटनाषकों का छिड़काव करना चाहिए।
> साफ सफाई का ध्यान रखना एवं ठहरे हुए पानी को खत्म करना चाहिए।
> मच्छर के काटने से बचने के लिए ऐसे कपड़े पहनने चाहिए जो पूरी तरह से त्वचा को ढक कर रखें।
> एडिज मच्छर जल में पनपते व अंडे देते हैं इसलिए टायर, बोतले, कूलर, गुलदस्ते आदि इन जल पत्रों को खाली करना चाहिए अथवा पानी को बदलते रहना चाहिए।
> मच्छर को मारने वाले पौधों को घर में लगाएं जानने के लिए यहां क्लिक करें।
घरेलू उपचार :
ज्यादातर डेंगू बुखार घर पर ही सही आराम अधिक जल सेवन और डॉक्टर के बताई गए दवाइयों को सही समय पर लेकर ठीक किया जा सकता है।
>पानी की मात्रा :- रोगी को ज्यादा मात्रा में पिलाएं और यदि रोगी हर 6 घंटे में पेशाब
करने जाता है तो इससे पता चलता है कि शरीर में पानी की कमी नहीं है और यह
एक अच्छा संकेत है।
>पपीते का जूस :- पपीते के पत्ते भी डेंगू बुखार को ठीक करने में लाभकारी होते है। पपीते में मौजूद "पपेन" पाचन तंत्र को सही करता है। और पपीते का जूस पीने से प्लेटलेट्स काउंट तेजी से बढ़ता है।
>पपीते का जूस :- पपीते के पत्ते भी डेंगू बुखार को ठीक करने में लाभकारी होते है। पपीते में मौजूद "पपेन" पाचन तंत्र को सही करता है। और पपीते का जूस पीने से प्लेटलेट्स काउंट तेजी से बढ़ता है।
> गीली पट्टी :- डेंगू बुखार को कम करने के किए रोगी को गीली पट्टी से स्नान कयाए। यह बुखार को कम करने में मदद करता है।
> नारियल पानी :- डेंगू बुखार से राहत पाने के लिए नारियल पानी खूब पिएं। इसमें मौजूद मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट शरीर को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
> तुलसी की पत्तियों का जूस :- तुलसी के 8-10 पत्तों को गर्म पानी में उबालें और फिर इस पानी को पिएं ये पानी रोग प्रतरोधक क्षमता बढ़ाता है। इस पानी को दिन में 3-4 बार तक ले।
> मेथी का काढ़ा :- डेंगू बुखार में मेथी की पत्तियां उबालकर काढ़ा बनाएं, इसे पीने से दूषित पदार्थ शरीर से बाहर निकालता है अथवा डेंगू का वायरस भी शरीर से दूर होता है।
> विटामिन सी :- विटामिन सी से भरपूर चीज़ों का सेवन करना जैसे नेंबु, आंवला, संतरा आदि यह शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
> अनार का जूस :- डेंगू में प्लेटलेट्स काउंट तेजी से घटना शुरू हो जाता है। और अनार में मौजूद विटामिन सी, ई, ए, और फोलिक एसिड शरीर में प्लेटलेट्स काउंट तेजी से बढ़ने में लाभप्रद साबित हुआ है। अनार का जूस पीने से शरीर में खून की मात्रा भी तेजी से बढ़ती है। तो डेंगू के मरीजों को अनार का जूस दिन में 4-5 बार अवश्य पीना चाहिए।
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