हकलाने, तुतलाने को खत्म करेगा यह एक्यूप्रेशर पॉइंट

हकलाहट को करे खत्म दोस्तों जैसा की हम सब जानते है कि हकलाना, तुतलाना एक आम समस्या है जो कि बचपन में शुरू होता है। ज्यादातर दो साल से सात साल की उम्र में। तब इसे गंभीरता से नहीं लिया जाता। बचपन में दो से पांच साल की उम्र में बच्चे में बोलने की क्षमता विकसित होती है। इस समय का हकलाना या तुतलाना आदि सामान्य होता है जो अधिकतर अपने आप ठीक हो जाता है। लेकिन 10 वर्ष की उम्र के बाद भी यह हकलाहट बनी रहती है तब चिंता का विषय बन जाता है। अधिक उम्र तक हकलाहट बने रहने पर सामाजिक , भावनात्मक , तथा मनोवैज्ञानिक परेशानियां पैदा हो सकती है। तो इस समस्या से निपटने के लिए आज हम आपको हकलाहट को खत्म करने वाले एक्यूप्रेशर पॉइंट के बारे में बताएंगे। तुतलाना या हकलाना, के कारण : जन्मगत विकार ग्रंथियों की निष्क्रियता मनोवैज्ञानिक समस्याएं आत्मविश्वास की कमी उपचार : इस रोग के उपचार हेतु दोनों हाथ एवं पैरों में पिट्यूटरी, थायरायड, पैराथायरायड एवं आड्रेनल ग्लैंड्स के प्रतिबिम्ब केन्द्रों पर नियमित रूप से दिन में दो-तीन बार 2-2 मिनट तक दबाब देना चाहिए | इसके अ...